Atal Bihari Vajpayee विश्वविद्यालय द्वारा जारी हुई सभी महाविद्यालय को आवश्यक निर्देश!

Atal Bihari Vajpayee विश्वविद्यालय द्वारा जारी हुई सभी महाविद्यालय को आवश्यक निर्देश!

विषय:- Creating a health and tobacco free environment in education institutions संदर्भ कार्यालय आयुक्त उ.शि. का आउशि / सम. / 2022 नवा रायपुर,उपरोक्त संदर्भित पत्र के संदर्भ में लेख है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय / महाविद्यालयों में छात्र छात्राओं को तम्बाकू मुक्त वातावरण निर्मित करने हेतु अपने सस्था में निम्नानुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

1 तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान एवं तंबाकू मुक्त परिसर का साईनेज बोर्ड / बाल में पेंटिंग से संस्था के बाहर एवं के अंदर लगाव साथ ही प्राचार्य जहाँ उचित समझते हो जैसे लाईब्रेरी, कॅटीन, साईकल स्टैण्ड इत्यादि जगहों पर लगाये अर्थात् तबाकू का सेवन नहीं करने का संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। बोर्ड में हिन्दी में तंबाकू मुक्त क्षेत्र अंग्रेजी में Tobacco Free Zone एवं छत्तीसगढ़ी में बिन माथुर के जगह या 2

बिन मासूर के शैक्षणिक संस्था का उल्लेख करे।। प्रत्येक शैक्षणिक संस्था में एक टोबैको मानिटर का दायित्व किसी शिक्षक, अधिकारी या किसी छात्र प्रतिनिधि को 3सौंप हो सके तो यह कार्य महाविद्यालय में स्वास्थ्य और कल्याण राजदूत का कार्यकर रहे व्यक्ति को भी दे सकते हैं।साइनेज बोर्ड पर टोबैको मानिटर का नाम पदनाम एवं फोन नम्बर प्रदर्शित किया जाये हो सके तो महाविद्यालय के प्रत्येक संकाय के कक्षाओं में एक टोबेको मानिटर का दायित्व किसी भी छात्र को दे किंतु यह ध्यान रखें कि छात्रा सेवन करने वाला न हो।

प्राचार्य एवं विश्वविद्यालय के विभाग इस बात को सुनिश्चित करें कि उनके संस्था से 100 मीटर दूरी पर बाकूबचने वाले की दुकान हो और काका कार्य करता है तो उसे रोकने के लिए जरूरत पड को स्थानीय प्रशासन या प्रशासन से सहयोग के साथ ही इस कार्य में समुदाय एवं पालकों से भी सहयोग सकते हैं। इस नियम के उल्लंघन करने पर संस्था प्रमुख को सेक्शन बी (8) जिसके तहत अधिकार होगा जिसमे तबाकू उत्पात मंचने वाले पर जुर्माना लगा सकते है।

तबाकू मुक्त परिसर बनाने के लिए संस्था में निम्न गतिविधियों भी संपादित किया जाये – 5 2 तबाकू नहीं खाने की शपथ लेना। पोस्टर, नारा, प्रश्नमच नुक्कड़ नाटक के माध्यम से इसके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए लोगों की जागरूक किया जाये।343 कथाम के लिये जो शिक्षक छात्र कार्य कर रहे उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाये। स्थानीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य प्रशासन के लोगों को महाविद्यालय में बुलाकर उनके व्याख्यान कराये जायें। (आनलाईन या आफलाईन तक इसके सेवन से होने का अधिक से अधिक सके।

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