प्रदेश के CM का बड़ा फैसला 25 हजार से अधिक पदों पर होगी सीधी भर्ती : अधिसूचना जारी!
प्रदेश के CM का बड़ा फैसला 25 हजार से अधिक पदों पर होगी सीधी भर्ती : अधिसूचना जारी!
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी ‘प्लेइंग इलेवन’ बनाते ही पहली कैबिनेट बैठक में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा किया। 10 मार्च को आम आदमी पार्टी (आप) की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री ने पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न < विभागों में 25 हजार नौकरियां देने का फैसला किया। इससे पहले राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने दस मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई मान ने कहा कि 25 हजार पदों में से 10 हजार पुलिस विभाग में और 15 हजार विभिन्न विभागों, बोर्ड कारपोरेशन में भरे जाएंगे। इनके लिए एक माह में अधिसूचना जारी करके विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा।
पंजाब राजभवन में मंत्रियों के शपथ ग्रहण के दौरान पहली बार मंच पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रय भी मौजूद रहे। पंजाब में मुख्यमंत्री के अलावा 17 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस लिहाज से अभी सात मंत्री और बनाए जा सकते हैं। शपथ ग्रहण के < दौरान नए बने मंत्रियों के पारिवारिक सदस्य, आम आदमी पार्टी के विधायक, पार्टी के पंजाब के सीनियर नेता व वर्कर मौजूद थे। इस दौरान सिविल और पुलिस प्रशासन के सीनियर अधिकारी भी शामिल थे।
पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के कप्तान भगवंत मान ने अपनी टीम में< ज्यादातर पहली बार जीते खिलाड़ियों को शामिल कर लिया है। राज्य में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले, दिग्गजों को हराने वाले और दूसरी बार जीतकर आने वाले विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। इससे उनमें मायूसी है। विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा और युवा नेता मीत हेयर ही भगवंत मान की कैबिनेट में जगह पाने वालों में ऐसे विधायक हैं, जो दूसरी बार जीतकर आए है। बाकी सभी चेहर नए हैं। यहां तक कि पिछली सरकार में पार्टी को विधानसभा में उप नेता रहीं सरबजीत कौर माणुके प्रा. बलजिंदर कौर, अमन अरोड़ा और प्रिंसिपल बुधराम जैसे नेताओं का भी जगह नहीं मिली है। वहीं, पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह का नाम भी मंत्रियों की सूची में शामिल नहीं है। उन्हें उम्मीदवार घोषित करने पर आप के राष्ट्रीय संयोजक ने गृह मंत्री बनाने की घोषणा की थी।
शायद यही वजह रही कि वह शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह में दिखाई < भी नहीं दिए। प्रकाश सिंह बादल, कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू औरविक्रम मजीठिया जैसे दिग्गजों को पटखनी देने वालों को भी कैविनेट में जगह नहीं मिली सूची देखकर <किसी को भी समझ नहीं आया कि आखिर मंत्रियों को चुनने का क्या फार्मूला तय किया गया है।
दूसरी बार जोतकर आने वाले मोत हयर ने पांचवें स्थान पर शपथ लो, वहीं पहली बार< जीतकर आईं डा. बलजीत कौर ने हरपाल कोशिश की है। चीमा के बाद दूसरे नंबर पर शपथ ग्रहण की शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद पाने चालों के चेहरों पर खुशी दिखी, जबकि सीनियर विधायकों के चेहरे उतरे हुए थे। उनके चेहरों पर मंत्री पद न पाने का दुख साफ झलक रहा था।